Tuesday 15 July 2014

एक चिड़िया अनेक चिड़िया - Ek Chidiya Anek Chidiya

हम्म्म्म….
हिंद देश…. ह्म्म्म हम्म
हम सभी एक हैं….
ता रा रा रा रा…..
(भाषा अनेक हैं…. हम्म्म्म….)…2
ये अनेक क्या है दीदी ?
अनेक यानी बहुत सारे…
बहुत सारे…! क्या बहुत सारे..?
अच्छा बताती हूँ…
सूरज एक, चंदा एक, तारे अनेक…
तारों को अनेक भी कहते हैं…?
नहीं नहीं….!
देखो फिर से….
सूरज एक..
चंदा एक..
एक एक एक करके तारे भये अनेक….
ठीक से समझाओ ना दीदी….
देखो देखो एक गिलहरी..
पीछे पीछे अनेक गिलहरियाँ….
एक तितली.. एक और तितली….
एक एक एक करके हो गयी अब अनेक तितलियाँ….
समझ गया दीदी….
एक ऊँगली, अनेक उंगलियाँ….
दीदी दीदी, वो देखो अनेक चिड़ियाँ…..
अनेक चिड़ियों की कहानी सुनोगे..?
हाँ हाँ…..
आ आ आ….
एक चिड़िया,
एक एक करके अनेक चिड़ियाँ..
दाना चुगने आई चिड़ियाँ..\
दीदी हमें भी सुनाओ ना….
तो सुनो फिर से….
एक चिड़िया, अनेक चिड़ियाँ….
दाना चुगने बैठ गयी थी….
हाय राम..! पर वहां व्याध ने एक जाल बिछाया था..
व्याध..! व्याध कौन दीदी..?
व्याध, चिड़िया पकड़ने वाला..
फिर क्या हुआ दीदी….?
व्याध ने उन्हें पकड़ लिया ?
मार डाला….?
हिम्मत से गर जुटें रहें तो,
छोटे हों पर मिलें रहे तो..
बड़ा काम भी होवे भैया….2
एक, दो, तीन….
चतुर चिड़िया, सयानी चिड़िया,
मिलजुल कर, जाल ले कर भागी चिड़िया….
फुर्र्रर्र्रर……!!
दूर एक गाँव के पास चिड़ियों के दोस्त चूहे रहते थे,
और उन्होंने चिड़ियों का जाल काट दिया….
तो देखा फिर तुमने…..!
अनेक फिर एक हो जाते हैं,
तो कैसा मज़ा आता है….
दीदी.. मैं बताऊँ..?
हो गए एक,
बन गयी ताकत,
बन गयी हिम्मत,
दीदी.. अगर हम एक हो जाएं,
तो बड़ा काम कर सकते हैं..?
हाँ हाँ.. क्यूँ नहीं..!
तो इस पेड़ की आम भी तोड़ सकते हैं..?
हाँ तोड़ सकते हैं..
पर जुगत लगानी होगी..
अच्छा… ये जुगत…!
वाह..! बड़ा मज़ा आएगा….
हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं….4
रंग-रूप वेश-भाषा चाहे अनेक हैं….4
एक-अनेक, एक-अनेक…
सूरज एक, चंदा एक, तारे अनेक….
एक तितली, अनेक तितलियाँ..
एक गिलहरी, अनेक गिलहरियाँ….
एक चिड़िया, एक एक अनेक चिड़ियाँ….
बेला, गुलाब, जूही, चंपा, चमेली….4
फूल है अनेक किंतु माला फिर एक है….4



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