एक चिड़िया के बच्चे चार
घर से निकले पंख पसार
पूरब से पश्चिम को आये
उत्तर से दक्षिण को आये
घूम लिया है जग सारा
अपना घर है सबसे प्यारा
Ek chidiya ke bacche chaar
Ghar se nikle pankh pasaar
Poorab se paschim ko aaye
Uttar se dakshin ko aaye
Ghoom liya hai jag saara
Apna ghar hai sabse pyaara
Mai Jab 1st Mai tha,tab Maine Ae wali poem padi thi mujhe Aaj 12 saal baad bhi yaad hai.
ReplyDeletePoem shi nhi h
ReplyDeleteएक चिड़िया के बच्चे चार
ReplyDeleteघर से निकले पंख पसार
पूरब से पश्चिम को आये
उत्तर से दक्षिण को आये
Ghum gham sub Ghar ko aaye
Mata ko ye vachan sunaye
घूम लिया है humne जग सारा
अपना घर है सबसे प्यारा
Thanks
DeleteCorrect 👍
Deleteये कविता अपूर्ण है, पूर्ण इस प्रकार से है..
ReplyDeleteएक चिड़िया के बच्चे चार,
घर से निकले पंख पसार,
पूरब से पश्चिम को जाएं,
उत्तर से दक्षिण को जाएं,
घूम घाम कर घर को आए,
आकार मां को बात बताएं,
देख लिया हमने जग सारा,
अपना घर हे सबसे प्यारा।।
ये कविता आज से करीब 15 वर्ष पूर्व पहली कक्षा में पढ़ी थी, मां शारदे के आशीष से ये कविता आज भी कंठस्थ है।
क्या आपको इसके रचयिता का नाम पता है?
DeleteYes,
DeleteI also remember
Maine b padi ti ye apne school time me
DeleteWho wrote this poem?
ReplyDeleteMaine 2004 me Padua that apna school time
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