Thursday 17 July 2014

Ek chidiya ke bacche chaar - एक चिड़िया के बच्चे चार

एक चिड़िया के बच्चे चार
घर से निकले पंख पसार
पूरब से पश्चिम को आये
उत्तर से दक्षिण को आये
घूम लिया है जग सारा
अपना घर है सबसे प्यारा

Ek chidiya ke bacche chaar
Ghar se nikle pankh pasaar
Poorab se paschim ko aaye
Uttar se dakshin ko aaye
Ghoom liya hai jag saara
Apna ghar hai sabse pyaara

11 comments :

  1. Mai Jab 1st Mai tha,tab Maine Ae wali poem padi thi mujhe Aaj 12 saal baad bhi yaad hai.

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  2. एक चिड़िया के बच्चे चार
    घर से निकले पंख पसार
    पूरब से पश्चिम को आये
    उत्तर से दक्षिण को आये
    Ghum gham sub Ghar ko aaye
    Mata ko ye vachan sunaye
    घूम लिया है humne जग सारा
    अपना घर है सबसे प्यारा

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  3. ये कविता अपूर्ण है, पूर्ण इस प्रकार से है..

    एक चिड़िया के बच्चे चार,
    घर से निकले पंख पसार,
    पूरब से पश्चिम को जाएं,
    उत्तर से दक्षिण को जाएं,
    घूम घाम कर घर को आए,
    आकार मां को बात बताएं,
    देख लिया हमने जग सारा,
    अपना घर हे सबसे प्यारा।।

    ये कविता आज से करीब 15 वर्ष पूर्व पहली कक्षा में पढ़ी थी, मां शारदे के आशीष से ये कविता आज भी कंठस्थ है।

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    1. क्या आपको इसके रचयिता का नाम पता है?

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    2. Maine b padi ti ye apne school time me

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  4. Maine 2004 me Padua that apna school time


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